आईना सामने रखोगे तो याद आऊँगा
अपनी ज़ुल्फ़ों को सँवारोगे तो याद आऊँगा
भूल जाना मुझे आसान नहीं है इतना
जब मुझे भूलना चाहोगे तो याद आऊँगा
एक दिन भीगे थे बरसात में हम तुम दोनों
अब जो बरसात में भीगोगे तो याद आऊँगा
याद आऊँगा उदासी की जो रुत आयेगी
जब कोई जश्न मनाओगे तो याद आऊँगा
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