रविवार, 22 सितंबर 2019

कथनी और करनी में भेद...💐

कहने और करने में बड़ा फर्क होता है भैया। ज्ञान तो अथाह है, और ज्ञानी शब्दों की खिचड़ी बनाकर सबको परोसते रहता है, डींगे हांकते रहता है। लेकिन जिसे उस ज्ञान के अनुसार जीना है, उस ज्ञान को जीवन में उतारना है, उसके लिए आसान नहीं होता, बेचारे का तेल निकल जाता है, भर्ता बन जाता है।

कहने वाला कुछ भी कह देता है, कुछ भी सलाह दे देता  है। लेकिन जिसे उस सलाह के अनुसार ज्ञान को धारण करके जीना है, उसके लिए बहुत कठिन है मेरे भैया। वैसे भी धर्म और अध्यात्म अब बाजार की वस्तु बन गई। कुछ लोग इसकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग भी करते हैं। इसलिए ऐरे-गैरे आदमी की बात मानकर उसके जाल में नहीं फँसना चाहिए।

पनघट का रास्ता बड़ा कठिन है, बेहद दुर्गम है। रास्ते से भटकाने वालों की लंबी फेहरिस्त है। जिसे देखो वही गुरूवाई करने पर उतारू है। इसलिए सावधानी से आगे बढ़ो, कदम फूंक-फूंककर कदम बढ़ाओ। मार्ग में कोई भी बाधा आए या कोई भी रुकावट आए तो सीधे ताज से मार्ग पूछो, सीधे उनके शरणागत हो जाओ, वो हाथ थाम लेंगे...।

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साधना काल 💕

सन 2007 की बात है, नवरात्रि चल रही थी। मैने किसी से सुना था की नवरात्रि में साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साधनाएं सफल होती है। मैने सोचा...