शनिवार, 22 जून 2019

मैली चादर...💐

जीवन में इतनी मलिनता है कि ये शरीर उनके ओजस्वी और दिव्य स्वरूप का दर्शन-बंदगी करने के काबिल ही नहीं है, उन्हें स्पर्श करने के काबिल ही नहीं है। काम, क्रोध, लोभ, माया और अहंकार की मैली चादर से जिंदगी ढंकी हुई है।

न जाने कितनों को धोखा दिया, न जाने कितनों से झूठ बोला, न जाने कितनों का दिल तोड़ा, न जाने कितनी बार लालच किया, न जाने कितने ही व्यर्थ के प्रपंचों में पड़ा रहा। पूरा जीवन ही कीचड़ से सना है। और यह सिलसिला अनेक जन्मों से निरंतर चला आ रहा है।

गले में उनके नाम की कंठी भी नहीं बाँधी, कभी उनकी आरती नहीं गाई, कभी संध्या पाठ भी नहीं की, कभी श्रद्धा पुर्वक पान परवाना नहीं लिया, कभी मेला नहीं गया। कभी हृदय खोलकर संतों के शरणागत नहीं हुआ, उनसे बहस करता रहा, तर्क कुतर्क करता रहा।

परमात्मा के लिए हृदय के कपाट कभी खोले ही नहीं, उन्हें कभी अंतरतम से पुकारा ही नहीं। लेकिन अब पश्याताप होता है, और उनके सामने जाने में लाज आती है। समझ नहीं आता कि अपने विचारों की मलिनता और जीवन में फैली गंदगी उनसे कैसे छुपाऊँ। किस विधि अपना हृदय लेकर उनके पास जाऊँ।

दिल करता है...💐

दिल करता है घर में बने हर स्वादिष्ट सब्जी और व्यंजन उन्हें ले जाकर खिलाऊं। मेरे पसंद की तिवरा भाजी, बोहार भाजी, मुनगा भाजी उन्हें भेजूँ। घर की बाड़ी से खट्टी इमलियाँ तोड़कर भेजूँ, आम के पेड़ों से ताजे खट्टे मीठे आम भेजूँ। जब वो किसी कार्यक्रम से थककर आएं तो उनके पैर दबाउं, ठंडे और शीतल तेल से उनकी मालिश करूँ। उन्हें सोते हुए निहारूँ।

दिल करता है उन्हें यह भी बताऊं की एक सप्ताह से तबियत खराब है, बिस्तर पर पड़ा हूँ। इसके लिए उनसे नाराजगी जताऊं। दिल करता है उन्हें यह भी बताऊं की छोटी बच्ची अब एक साल की होने वाली है, और बड़ी बेटी इस साल दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली है।

दिल करता है उन्हें यह भी बताऊं की जब भी आप सामने आते हैं रो पड़ता हूँ, जिंदगी बड़ी मलिन है और आपके सामने जाने में लाज आती है। इसलिए दूर से ही छुप छुपकर आपको देखता हूँ।

दिल करता है हर पल और हर सांस का हाल उन्हें सुनाऊं, जिंदगी के हर छोटी बड़ी घटनाओं और पलों को उनसे कहूँ, उन्हें मुस्कुराते देखने के लिए उनकी तकलीफें अपनाऊँ।

दिल करता है उन्हें हर रोज प्रेम पत्र लिखूं और बार बार कहूँ - "शुक्रिया जिंदगी देने के लिए, सांसे देने के लिए, सुंदर जगत के मनमोहक नजारे दिखाने के लिए, अपनाने के लिए, चरणों में थोड़ी सी जगह देने के लिए ...।

दिल करता है उन्हें यह भी कहूँ, दिल करता है उन्हें वह भी कहूँ...

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साधना काल 💕

सन 2007 की बात है, नवरात्रि चल रही थी। मैने किसी से सुना था की नवरात्रि में साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साधनाएं सफल होती है। मैने सोचा...