परंतु इस जीवन में हमको तो ढंग का एक फटीचर मित्र भी नसीब नहीं है। हाय रे किस्मत...😢😢😢
गुरुवार, 20 मई 2021
फटीचर मित्र...💐
काश कोई अपना भी दोस्त होता...! पूरे भारत के साथ धरती, आकाश और पाताल की सैर फ्री में करवाता, आवभगत के लिए पूरा भूलोक पलक बिछाता, पूर्णिमा की चांद तले ताजमहल का दर्शन करवाता, अनमोल वस्तुएँ भेंट में देता, छप्पन भोग बनवाता, राजसी भोजन करवाता, सोने की थाली में खाना परोसता। नदी के तीर बिठाकर सुख दुख की चार बातें कहता। हमारी दोस्ती की चर्चा तीनों लोक में होती।
सिर पर ताज का भार...💐
माफ करना दोस्त, जब सिर पर ताज का भार होता है तो मुलाकात के लिए चेहरा नहीं देखता, जेब में रखे द्रव्य नहीं देखता, तुम्हारा एजुकेशन और सामाजिक स्टेटस नहीं देखता। तुम हर बार चेहरा बदल बदलकर मेरे सामने आते हो। कभी दोस्त, कभी पारिवारिक सदस्य, कभी रिश्तेदार, कभी व्यवसायी, कभी सरकारी नौकर...
लेकिन मेरी नजर से देखो तो तुम सबसे ज्यादा गरीब हो, सबसे ज्यादा कंगाल हो। कभी तो प्रेम भरा दिल लेकर आते, कभी तो गहरे उतरकर नाम का रसपान कर आते।
उपरोक्त बातें कभी किसी लंबी दाढ़ी मुछ, श्वेत वस्त्रधारी, 5 एकड़ जमीन और टेलरिंग दुकान के मालिक, बीएससी पास नवयुवक ने मुझसे कही थी। कहने वाला तब दंभी लगा था, उसे दुत्कारते हुए घर से बाहर निकल जाने को कह दिया। कुछ समय बाद उनकी संगति से उनमें संत नजर आया। वो जीवन का हिस्सा बन गए, मेरी साँसों को दिशा देने वाले बन गए...
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