हे साहब, उसकी पीड़ा दूर कर दीजिए। भले ही उसके हिस्से की सारी पीड़ा मुझे दे दीजिए। आपके चरणों में उस अनजान करुण पुकार की बंदगी स्वीकार कीजिए। आपके चरण कमलों में बंदगी, सप्रेम साहेब बंदगी साहेब।
शनिवार, 19 फ़रवरी 2022
करुण पुकार...💐
कहीं दूर से बेहद करुण पुकार की आवाज आ रही है। न जाने कौन है, जिसकी आह मुझे कुछ दिनों से असहज कर दे रही है। कोई तो है जिसे मैं पहचान नहीं पा रहा।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
साधना काल 💕
सन 2007 की बात है, नवरात्रि चल रही थी। मैने किसी से सुना था की नवरात्रि में साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साधनाएं सफल होती है। मैने सोचा...
-
सुख और दुख हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। जैसे चलने के दायां और बायां पैर जरूरी है, काम करने के लिए दायां और बायां हाथ जरूरी है, चबाने ...
-
जो तू चाहे मुझको, छोड़ सकल की आस। मुझ ही जैसा होय रहो, सब सुख तेरे पास।। कुछ दिनों से साहब की उपरोक्त वाणी मन में घूम रही थी। सोचा उनके जैस...
-
क्या तुम नहीं जानते परमात्मा किसे कहते हैं? साध्वी ने पूछा। नवयुवक ने "नहीं" में सिर हिलाते हुए पूछा- "आपने देखा है उन...