शनिवार, 19 फ़रवरी 2022

करुण पुकार...💐

कहीं दूर से बेहद करुण पुकार की आवाज आ रही है। न जाने कौन है, जिसकी आह मुझे कुछ दिनों से असहज कर दे रही है। कोई तो है जिसे मैं पहचान नहीं पा रहा।

हे साहब, उसकी पीड़ा दूर कर दीजिए। भले ही उसके हिस्से की सारी पीड़ा मुझे दे दीजिए। आपके चरणों में उस अनजान करुण पुकार की बंदगी स्वीकार कीजिए। आपके चरण कमलों में बंदगी, सप्रेम साहेब बंदगी साहेब।

मेरी तन्हाई 💐💐💐

तन्हाई केवल एक एहसास नहीं, बल्कि एक ऐसी गहरी दुनिया है जहाँ कोई और नहीं, बस आप और आपकी सोच होती है। यह एक खाली कमरा नहीं, बल्कि एक भरी हुई क...