रविवार, 20 दिसंबर 2020

ध्यान ...💐

#ध्यान ...
कोई कहता है चार कमल दल, कोई आठ, तो कोई कहता है सहस्त्र कमल दल होते हैं। कोई कहता है सांप की आकृति में कुण्डलिनी का जागरण होता है। तो कुछ लोग कहते हैं कि भूत प्रेत नजर आते हैं, निरंजन नाम का विशालकाय दानव नजर आता है। रास्ता बताने वाले खुद तो कन्फ्यूज होते हैं और दूसरों को भी कन्फ्यूज करते हैं। 

अरे भाई, साहब का ध्यान करोगे तो सिर्फ साहब की सुनोगे, साहब को देखोगे, साहब से मिलोगे। परमात्मा की खोज करोगे तो परमात्मा ही तो मिलेंगे न। इसमें सांप, बिच्छू, भूत प्रेत, निरंजन भला कहाँ से आ गया। उल्टा पुल्टा और भयानक किस्से कहानी सुनाकर क्यों साधक को डरा रहे हो। 

साहब का मार्ग तो एकदम सहज, सरल और सीधा है। यह पथ तो साहब की दिव्य रोशनी से प्रकाशित है, उनके नाम से सुवासित है, उनके संगीत से गुंजायमान है। यह पथ तो मनभावन हरितिमा आवरण लिए सुगंधित फूलों की पगडंडियों से होकर गुजरता है। साहब का ध्यान तो साहब को जीना सिखाता है, साहब का परिचय देता है। यह मार्ग डरावना तो बिल्कुल भी नहीं है बल्कि आनंदित करने वाला है, परमानंद प्रदायक है। साहब के ध्यान में जरा गहरे उतरकर तो देखो, मजा आएगा, जीना सीख जाओगे, साहब को नस नस में जी उठोगे।

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