मंगलवार, 22 अक्तूबर 2019

उन दिनों की बात है...💐

ढेरों नाजुक और कोमल भावनाएं थी। पलकों पर अनगिनत रंगबिरंगे और गुलाबी सपने थे। आशाएं ऊँची उड़ान पर थी। इक्छाएँ और उम्मीदें किसी और ही दुनिया के सफर पर हुआ करती। जब किसी चेहरे के लिए दिल धड़का करता।

लड़कपन के वो दिन सौंदर्य से लबालब थे। ओस की बूंदों से सना सवेरा हुआ करता और गोधूलि बेला की लालिमा में दिन का सूरज अस्त हुआ करता। मदमस्त दिनचर्या उसकी यादों में बीतता और खामोश खुशनुमा रातें उसे लिखते हुए रंगीन पन्नों में ढला करती।

प्रतीक्षा के दिन बड़े लंबे और खूबसूरत हुआ करते।  गुजरने वाली पवन में उसकी खुशबू होती, हर दृश्य में उसका अल्हड़ चेहरा होता। इंतेजार में पल पल गिनता, क्षण क्षण जीता और क्षण क्षण मरता।

ताजे मोगरे की महक, हाथों में रची मेहंदी के चटक रंग, आंगन की मनभावन रंगोली, पूजा की थाल, मंदिर का जलता दिया, कल-कल की आवाज करती रास्ते की नदी, पंछियों का शोर...ये उन दिनों की बात है।




कोमल भावनाएं...💐

साहब को लेकर मैं बहुत संवेदनशील हूँ, सेंटी और भावुक हूँ। उन्हें लेकर मन में अनेकों छोटे बड़े विचार आते हैं, कल्पनाएं उठती है। अकेले में उनसे खूब सारी बातें करता हूँ, कभी विनती करता हूँ, तो कभी बच्चों के जैसे उनसे नाराज होता हूँ, तो कभी उन पर गुस्सा करता हूँ। हर दुख दर्द, हर पीड़ा, खुशियों की फुलझड़ियों को उनसे कह देना चाहता हूँ। मर्यादा से परे जाकर किसी बचपन के मित्र की भाँति जीवन के हर लम्हों में उन्हें शामिल कर लिया करता हूँ।

कभी कोई इक्छा पूरी नहीं होती तो उनकी तस्वीर पलटकर उल्टा रख देता हूँ, तो कभी इक्छा पूरी होती है तो उन्हें सिक्के भी चढ़ाता हूँ। कभी बच्चों की तरह उन्हें चाकलेट खाने को देता हूँ, तो कभी उनकी तस्वीर लेकर देर तक रोता हूँ। उन्हें मेरी हर बात पता है, हर राज पता है।

उन्हें लेकर अनेकों छोटी बड़ी बातें, विचार मन में तैरते रहते हैं। उनके साथ हृदय के एक कोने में अलग ही दुनिया बसा रखी है। उस दुनिया में मैं उनके साथ हंसता हूँ, रोता हूँ, जीता हूँ। जिन्हें लिख दूं तो आप सब मुझे पागल कहेंगे, अहंकारी कहेंगे, गुरुद्रोही कहेंगे, नास्तिक कहेंगे और तुरंत अनफ्रेंड भी कर देंगे। कहने को बहुत कुछ है लेकिन हृदय की बात किससे कहें, कैसे कहें, किन शब्दों में कहें??

साधना काल 💕

सन 2007 की बात है, नवरात्रि चल रही थी। मैने किसी से सुना था की नवरात्रि में साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साधनाएं सफल होती है। मैने सोचा...