पान परवाने, चरणामृत के अलावा महाप्रसाद के रूप में चांवल के कुछ दाने और आम के आचार का एक टुकड़ा मिला था। महाप्रसाद के वो थोड़े से दाने आज भी संभाल रखे हैं, जो जीवन के विपरीत परिस्थितियों में सम्बल बनते हैं।
जब कठिन परिस्थितियां हो, कोई मार्ग न सूझता हो, कोई सहारा न मिलता हो तो महाप्रसाद का एक दाना लेकर नस नस में उतार लिया करता हूँ, उन्हें जी लिया करता हूँ।
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