गुरुवार, 6 अक्तूबर 2022

दशहरा पर्व 2022 और साहब का जन्मोत्सव ...💐

दामाखेड़ा शोभायात्रा के समय साहब का दूर से दर्शन करते हैं, उन्हें साहेब बंदगी साहेब कहते हैं। जैसे सबको लगता है कि साहब ने उसे दूर से, विशाल भीड़ के बीच भी देख लिया और उसकी बंदगी स्वीकार कर ली है।

आज मुझे भी ऐसा ही लग रहा है कि साहब ने उस विशाल भीड़ में भी मुझे देख लिया, उनकी नजरें मुझ पर पड़ी और मेरी बंदगी स्वीकार कर ली। मन गदगद हो उठा है, लगता है आज खुशी के मारे नींद नहीं आएगी।

जो जो आज दामाखेड़ा आएं हैं, शायद सबकी यही मनःस्थिति होगी। है न दोस्तों?

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साधना काल 💕

सन 2007 की बात है, नवरात्रि चल रही थी। मैने किसी से सुना था की नवरात्रि में साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साधनाएं सफल होती है। मैने सोचा...