मंगलवार, 30 अक्तूबर 2018

साहब का आगमन...💐

मंगल गान करती महिलाओं का समूह, साथ चलते गाँव के लोग, उनका आदर सहित स्वागत करते हैं। कौतूहल से निहारती गाँव की पनिहारिनें, सम्मान में झुकते ग्रामीणों के सिर, हाथ जोड़े भाव विह्वल लोग उस गांव के वातावरण में भक्ति का रस घोलते हैं। हर कोई चाहता है कि उनके आँगन में भी उस तेजोमयी, प्रकाश पुंज के चरण पड़े, जिनकी जन्मों से प्रतीक्षा थी।

सफेद लिबास में उनका शांत, शीतल, ओजस्वी चेहरा और भी सुकूनदायक लगता है। गाँव में उनके दर्शन के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा है, सबके लिए नाना प्रकार के भोजन पकवान बन रहे हैं, लोग खुशियाँ मना रहे हैं।

थोड़ी दूर एक छोटी सी बच्ची पिता के काँधे पर बैठे विशाल जनसमुदाय की तरफ उंगली का इशारा करते हुए, उत्साहित भाव से अपने पिता से कहती है-

पापा-पापा, वो रहे हमारे साहब..वो रहे। मैंने उन्हें देख लिया... उन्हें देख लिया। वो दोनों हाथ जोड़कर साहब को बंदगी करती है, साहेब बंदगी कहती है...। उस गाँव की पावन धरा पर साहब का आगमन हो चुका है।

💐💐💐

साधना काल 💕

सन 2007 की बात है, नवरात्रि चल रही थी। मैने किसी से सुना था की नवरात्रि में साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साधनाएं सफल होती है। मैने सोचा...