इस अवस्था में सामान्य मानव में परमात्मा तत्व का अवतरण, मिलन होता है तथा उसका जीवन दिव्यता की अलौकिक महक से सुवासित हो उठता है। यह परम् चेतना की अवस्था होती है, एक अनकहे गहरे बोध की अवस्था होती है, अनूठी और दिव्य जागृति की अवस्था होती है। वह परमात्मा को नितप्रति, प्रतिक्षण अपने आसपास साए की तरह महसूस करता है। वह अपना जीवन परमात्मा के चरणों में अर्पित कर देता है।
धन्य हैं ऐसे लोग जिनके जीवन में परमात्मा का अवतरण हुआ, जिन्हें साहब का परिचय प्राप्त हुआ, उनका बोध हुआ। जो साहब की राह में आगे बढ़ गए, जो साहब की राह में आगे बढ़ रहे हैं, और जो साहब की राह में आगे बढ़ने की चाह रखते हैं, उनकी राहों में सादर प्रेम पुष्प अर्पित...💐💐💐
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