शनिवार, 12 जनवरी 2019

परमात्मा का दिव्य स्पर्श...💐

उनके हजारों फेसबुक फ्रेंड हैं, दुनिया भर में लाखों चाहने वाले हैं। उन हजारों और लाखों के बीच मेरी हस्ती धूल के कण के बराबर भी नहीं, फिर भी वो मेरे पोस्ट तक पहुँच जाते हैं, मुझे पढ़ ही लेते हैं, मुझे अपने दिव्य स्पर्श से छू लेते हैं।

उनके इस छुअन से सारा दिन मैं हतप्रभ रहता हूँ, आश्चर्यचकित रहता हूँ, भावों से ओतप्रोत रहता हूँ। उनका स्पर्श पाते ही आंखे छलछला उठती हैं, दिल भर आता है, भूख प्यास मिट जाती है, और कभी कभी सारी रात यूँ ही बिस्तर पर खामोश लेटे उन्हें सोचते ही गुजरती है।

वो इस कदर जीवन का हिस्सा बन गए कि उनके बिना जीवन की कल्पना भी निरर्थक जान पड़ता है। पहले भी तो जिया करता था, लेकिन तब और आज के जीने में फर्क है। तब मैं उनसे दूर था, अब वो मेरे साथ हैं, मेरा हाथ उनके हाथ में है...।

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साधना काल 💕

सन 2007 की बात है, नवरात्रि चल रही थी। मैने किसी से सुना था की नवरात्रि में साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साधनाएं सफल होती है। मैने सोचा...