रविवार, 3 मार्च 2019

रिश्तों का हिसाब...💐

जब रिश्तों को दिल की जगह दिमाग से निभाया जाए, जब बरसों के आत्मिक और नाजुक संबंधों का हिसाब अन्य लोगों द्वारा मांगा जाए, जब रिश्तों की गर्माहट को चार लोगों द्वारा तर्कों के थर्मामीटर में मापा जाए, तो सचेत हो जाना आवश्यक है। यह समझ लेना आवश्यक है कि अब रिश्ते टूटने के कगार पर है, डोर की परतें उखड़ने को है।

रिश्ते, रिश्तेदार और जिंदगी न जाने कितने तजुर्बे देती है। कभी हँसाती है तो कभी रुलाती है। कभी कभी तो इंसान तो ऐसे तोड़ देती है कि ताउम्र के लिए जिंदगी पर ग्रहण लग जाता है। उसकी छाप इंसान के मिट्टी में दफ़न होने तक पीछा नहीं छोड़ती। आज फिर एक रिश्ते को बाजार में तौला जाएगा, दाम लगाया जाएगा।

साधना काल 💕

सन 2007 की बात है, नवरात्रि चल रही थी। मैने किसी से सुना था की नवरात्रि में साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साधनाएं सफल होती है। मैने सोचा...