रविवार, 16 सितंबर 2018

सच्चे दिल से माँगो...💐

सच्चे दिल से माँगो, मिलेगा। सच्चे भाव से ढूढों, पा जाओगे। सत्य पथ पर आचरण करते हुए उसका द्वार खटखटाओ, अवश्य खुलेगा...💐

हम वासी वह देस के, जहाँ बारह माह बसन्त।
प्रेम जरे विकसे कमल, तेज पुँज झलकन्त।।
हम वासी वह देश के, जहाँ नहीं माह बसन्त।
नीझर झरे महा अमी, भीजत है सब संत।।
हम वासी वह देश के, जहाँ जात वरण कुल नाहिं।
शब्द मिलवा हो रहा, देह मिलावा नाहिं।।
हम वासी वह देश के जहाँ पार ब्रम्ह का खेल।
दीपक जरै अगम्य का, बिन बाती बिन तेल।।

✍️... पंथ श्री गृन्धमुनि नाम साहब (सुरति योग ग्रंथ, जुलाई 1998 से साभार)

साहब अनंत हैं...💐

साहब अनंत हैं। उन्हें कितना भी पा लो, फिर भी वो पाने को शेष हैं। उन्हें पा-पाकर थक जाओगे, लेकिन उन्हें बाहों में समेट नहीं पाओगे।

मानवीय आँखे तो उनके रूप का बस एक सूक्ष्म अंश, छोटा सा रूप ही निहार पाती है। वो नित नए रूप लेकर, और भी विस्तृत, और भी विराट रूप में अपने होने का अहसास कराते हैं।

उनके रूप का दीदार करते आंखें छलक पड़ती हैं। हृदय भर आता है। कुछ कहने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं, जीवन कम पड़ जाता है।

लोग कहते हैं, मौन हो जाओ, कुछ न कहो। लेकिन दिल करता है सबको बताऊँ, सबको दिखाऊँ। एक ही मौका है, एक ही अवसर है, इसलिए कहना जरूरी है।

सर्गुण की सेवा करो निर्गुण का करूँ ज्ञान।
निर्गुण सरगुण ते परे तहां हमारा ध्यान।।

💐💐💐

साधना काल 💕

सन 2007 की बात है, नवरात्रि चल रही थी। मैने किसी से सुना था की नवरात्रि में साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साधनाएं सफल होती है। मैने सोचा...