किसी अनजानी सत्ता की खोज में साँसे खप गई, जिंदगी वीरान हो गई, रेगिस्तान हो गई। लेकिन प्यास अधूरी रही, आस अधूरी रही, कल भी खाली हाथ था, आज भी हाथ खाली है। रास्ता मोड़ ले। पथरीले, मरुभूमि और बंजर रास्ते पर लहूलुहान हो जाओगे।
कोई कोई ही ऐसा होता है जो उन तक पहुंच पाता है। फिर भी अगर लहूलुहान होना चाहते हो, मरकर जीना चाहते हो तो इस मार्ग पर तुम्हारा स्वागत है।
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