उन बीते लम्हों को काश दुबारा जी पाता, आत्मा की अनकही बातें और कह पाता, कुछ तुम्हारी सुन पाता। लेकिन हमारे रिश्ते की डोर अब टूट चुकी है, तुम किसी और बंधन में बंध चुकी हो और मैं किसी और के गठबंधन में।
यूँ तो जीने के लिए थोड़े प्यार भरी नजरें ही काफी हैं, लेकिन मुझे तो सारा आकाश मिला, फिर गीले शिकवे भला क्यों और किससे करूँ? जीवन मे सबकुछ तो हासिल नहीं होता, जो मिला बहुत मिला.... कहते हुए उसके नयन रो पड़े।