शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

साहब को जीना... मुश्किल होता है...💐

साहब का ज्ञान हो जाना, उनके विमल स्वरूप से परिचय हो जाना आसान है। लेकिन उस ज्ञान के साथ जीना, उस ज्ञान को धारण किए हुए जीना, साहब के साथ जीना, उनमें क्षण क्षण लवलीन रहना बहुत मुश्किल होता है....बहुत ही मुश्किल।

कोई विरला ही जीवन भर साहब को हृदय में बसाए रखता है। वही अपने प्रियतम, अपने परमात्मा से मिलन की प्रतीक्षा में ताउम्र साँसे गिनता है। वही सत्यलोक जाने के सपने लिए साहब को निशदिन पुकारता है। कोई विरला ही उनकी याद में पल पल जीता है और पल पल मरता है।

पनिहारिन की भाँति साहब को सिर पर लेकर पग पग चलना बहुत मुश्किल होता है... बहुत ही मुश्किल।

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पान परवाना, चरणामृत और महाप्रसाद...💐

पान परवाने का मोल तब समझा जब जिंदगी तबाह होने के कगार पर थी, साँसे उखड़ने को थी। जीवन के उस मुहाने पर सबकुछ दांव पर लगा था, एक एक पल युगों के समान महसूस हो रहा था। तब हँसों ने साहब का पान परवाना दिया, चरणामृत और महाप्रसाद दिया।

पान परवाने, चरणामृत के अलावा महाप्रसाद के रूप में चांवल के कुछ दाने और आम के आचार का एक टुकड़ा मिला था। महाप्रसाद के वो थोड़े से दाने आज भी संभाल रखे हैं, जो जीवन के विपरीत परिस्थितियों में सम्बल बनते हैं।

जब कठिन परिस्थितियां हो, कोई मार्ग न सूझता हो, कोई सहारा न मिलता हो तो महाप्रसाद का एक दाना लेकर नस नस में उतार लिया करता हूँ, उन्हें जी लिया करता हूँ।

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साधना काल 💕

सन 2007 की बात है, नवरात्रि चल रही थी। मैने किसी से सुना था की नवरात्रि में साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साधनाएं सफल होती है। मैने सोचा...