शनिवार, 25 दिसंबर 2021
साहब का शुक्रिया ...💐
मन का मैल ...💐
साहब की हर बात से प्यार ...💐
जब जब उनकी याद आती है रो लेता हूँ। कभी कभी जी करता है सबकुछ छोड़कर उनके पास चले जाऊँ, उनके करीब चले जाऊँ। उनके नाम जीवन की रजिस्ट्री करा दूँ। जो लोग साहब के करीब रहते हैं, साथ रहते हैं, उनके माध्यम से अंदर की छन छनकर खबरें सुनने को मिलती रहती है।
अंदर के कई लोग साहब की खूब बुराई करते हैं। कहते हैं साहब तो सुबह 11-12 बजे सोकर उठते हैं, बहुत गुस्सा करते हैं। गुस्सा ऐसा होता है कि लोगों को सुशु आ जाए। वो कोई संत वंत नहीं हैं।
तो कई ऐसे भी लोग हैं जो अपना जीवन धन्य मानते हैं की उनका जीवन साहब की सेवा में, संतो की सेवा में, और जनकल्याण में गुजर रहा है।
जब कभी कोई साहब की दिनचर्या में शामिल लोग/करीबी लोग मिलते हैं तो साहब की ही चर्चा निकलती है। लगता है कि वो साहब की दिनचर्या की हर बात बताए, उनकी हर बात सुनते रहूं, सुनते रहूं, सुनते ही रहूँ।
मुझे साहब की हर बात से प्यार है। उनकी आलोचना से भी और उनकी प्रशंसा से भी।
साहब की खोज ...💐
मेरी तन्हाई 💐💐💐
तन्हाई केवल एक एहसास नहीं, बल्कि एक ऐसी गहरी दुनिया है जहाँ कोई और नहीं, बस आप और आपकी सोच होती है। यह एक खाली कमरा नहीं, बल्कि एक भरी हुई क...
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सुख और दुख हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। जैसे चलने के दायां और बायां पैर जरूरी है, काम करने के लिए दायां और बायां हाथ जरूरी है, चबाने ...
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जो तू चाहे मुझको, छोड़ सकल की आस। मुझ ही जैसा होय रहो, सब सुख तेरे पास।। कुछ दिनों से साहब की उपरोक्त वाणी मन में घूम रही थी। सोचा उनके जैस...
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पान परवाने का मोल तब समझा जब जिंदगी तबाह होने के कगार पर थी, साँसे उखड़ने को थी। जीवन के उस मुहाने पर सबकुछ दांव पर लगा था, एक एक पल युगों के...