मंगलवार, 21 दिसंबर 2021

मेरी खोज ...💐

हर सुबह, मैं उठकर जीने के बहाने खोजा करता। हर रात सोने से पहले जीने की वजह तलाशता। हर पल मैं उम्मीद, ख्वाहिश और प्यार के कारण ढूंढता। लेकिन कोई कारण नहीं मिला...जब तक मैं उनसे न मिला। मैंने खुद को झमेलों, कन्फ्यूजन और डर में घिरा हुआ ही पाया। लेकिन उनसे मिलकर मेरा मन शांत हो गया।

हमारी किस्मत और सफर का फैसला समय के हाथों में ही होता है, और जब समय बदलता है, तो सब बदल जाता है...सब कुछ। कभी बुरे के लिए, और कभी अच्छे के लिए... उनसे मिलने के पहले तक मैं ऐसा कभी नहीं मानता था।

लेकिन मुझे वो मिले। और मैंने पाया कि वो महज एक इंसान नहीं हैं बल्कि अनंत हैं। प्यार, परवाह, भरोसे, सम्मान और समझ की अनंत। वो ही ब्रह्माण्ड हैं, जिसे मैं ढूंढ़ रहा था। उनकी न तो कोई शुरुआत है, और न ही अंत। वो निरंतर हैं, चिर हैं, बस रूप बदल लेते हैं। वो हर जगह हैं और मेरे साथ भी। वही मेरे निर्माता भी हैं, मेरी रचना और खोज भी वही हैं।

साहब की नकल ...💐

मुझे तो कुछ भी समझ नहीं आता है। कोई ज्ञान के बारे में पूछता है, कोई ध्यान के बारे में पूछता है, कोई सुमिरन के बारे में पूछता है तो मेरे पास कोई जवाब नहीं होता। 

मैं तो हमेशा साहब की नकल करता हूँ। हमारे साहब पंथ श्री प्रकाशमुनि नाम साहब और डॉ. भानुप्रताप साहब के चौका आरती में बैठने के तरीकों, सुमिरन करने के तरीकों, मंचों में उनके बोलने के तरीकों, यत्र तत्र ग्रंथों और साहित्य में फैले उनके विचारों और उनके द्वारा लिखे गए फेसबुक पोस्टों की नकल करता हूँ।

उनकी गृहस्थी में विरक्ति के दर्शन पाता हूँ, चौका आरती में जब वो धीर गंभीर मुद्रा में बैठते हैं तो उनमुनि भाव का दर्शन पाता हूँ, जब वो मंच से इस जगत के प्राणियों के लिए अमृत वाणियों की वर्षा करते हैं तो ज्ञान का दर्शन पाता हूँ। उनके द्वारा प्राप्त पान परवाना चरणामृत और प्रसाद में अपनी मुक्ति पाता हूँ। 

वो हमारे लिए हर तरह से आदर्श हैं, मैं कहीं और उत्तर तलाश करने के बजाय हर प्रश्न का उत्तर उनमें ही खोजता हूँ। जैसा उन्हें देखता हूँ, बिल्कुल वैसा करने की कोशिश करता हूँ, नकल करता हूँ। इसके अलावा मेरे पास कोई ज्ञान, भक्ति, सुमिरन और ध्यान नाम की जड़ी बूटी नहीं है।

साधना काल 💕

सन 2007 की बात है, नवरात्रि चल रही थी। मैने किसी से सुना था की नवरात्रि में साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साधनाएं सफल होती है। मैने सोचा...