शनिवार, 23 जुलाई 2022
मैं लिखूंगा तो सुमिरण करेगा कौन?
मैं साहब का कुत्ता ...💐
"मैं साहब का कुत्ता" गले में उनके नाम की रस्सी बंधी हुई है।
जब जीवन की डोर परमात्मा के हाथ हो तो कोई लाख सर पटक ले, लाख हाथ पैर जोड़ ले, विनती कर ले। वो करता वही है जो उससे परमात्मा कहता है और करवाता है। साहब के कहने पर वो सोता है, जागता है, रोता और गाता है। परमात्मा ही उसे चलाता है, उसका हर पग परमात्मा के कार्यों के लिए उठता है, हर कार्य परमात्मा को समर्पित होता है।
काश... मैं तुम्हें समझा पाता, और काश तुम समझ पाते तो मुझ पर गुस्सा नहीं करते, तब तुम मुझसे नाराज नहीं होते। तुम्हें कैसे बताऊं, कैसे समझाऊँ की भूख-प्यास, नहाने धोने, उठने बैठने तक में उन्हीं का दखल है, उन्हीं का नियंत्रण है।
किसी के बुलाने पर जा नहीं सकता, किसी के जगाने पर जाग नहीं सकता, किसी के खिलाने पर खा नहीं सकता, किसी और के अनुसार जीवन के पल-पल का निर्णय भी नहीं कर सकता। तुम्हें गुस्सा करना है तो करो, नाराज होना है तो हो जाओ, बात नहीं करनी है तो मत करो, रिश्ता तोड़ना है तो तोड़ दो... भाड़ में जाओ, लेकिन अपने हिसाब से मुझे चलाने की कोशिश मत करो। आज से तुम्हारी और मेरी जयराम जी की।
किसी ने किसी से कहा और स्टोरी का "द एन्ड" हो गया।
गहन मौन ...💐
साहब की नकल ...💐
वो आबाद रहें ...💐
मेरे हिस्से की सारी महकती खुशियां, मेरी मुस्कान के सारे फूल, मेरे जज्बातों के सारे खुशनुमा भाव, मेरे जीवन का सारा सुख उन्हें मिले, जिन्हें मैं हृदय से प्यार करता हूँ, जिनके चरणों में शीश झुकाता हूँ। मेरा वजूद रहे न रहे, उनका अस्तित्व सदा कायम रहे, उनका आंगन हमेशा भरापूरा और आबाद रहे।
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मेरी तन्हाई 💐💐💐
तन्हाई केवल एक एहसास नहीं, बल्कि एक ऐसी गहरी दुनिया है जहाँ कोई और नहीं, बस आप और आपकी सोच होती है। यह एक खाली कमरा नहीं, बल्कि एक भरी हुई क...
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सुख और दुख हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। जैसे चलने के दायां और बायां पैर जरूरी है, काम करने के लिए दायां और बायां हाथ जरूरी है, चबाने ...
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जो तू चाहे मुझको, छोड़ सकल की आस। मुझ ही जैसा होय रहो, सब सुख तेरे पास।। कुछ दिनों से साहब की उपरोक्त वाणी मन में घूम रही थी। सोचा उनके जैस...
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पान परवाने का मोल तब समझा जब जिंदगी तबाह होने के कगार पर थी, साँसे उखड़ने को थी। जीवन के उस मुहाने पर सबकुछ दांव पर लगा था, एक एक पल युगों के...