बुधवार, 5 दिसंबर 2018

प्रेम का सही रूप...💐

कक्षा छठवीं में पढ़ रही अबोध बच्ची के स्कूल बैग से प्रेम पत्र मिलता है। पिता उस पर टूट पड़ता है, खूब खरी खोटी सुनाता है, मारता-पीटता है। जब भी पिता डंडे से उसे पीटता, वो बच्ची किसी फ़िल्म की हीरोइन की तरह चिल्ला चिल्लाकर डायलॉग बोलती-
"प्यार किया तो डरना क्या" "प्यार किया तो डरना क्या"

पिता ने बेटी को मारकर, डराकर उसकी आवाज बंद तो कर दी। लेकिन वह सोच में पड़ गया कि इतनी छोटी, इतनी अबोध बच्ची कैसे प्रेम का मतलब समझ सकती है और कैसे किसी से प्रेम कर सकती है? वह कारणों का पता लगाना चाहता है।

दरअसल प्रेम सभी मानव के लिए अति आवश्यक है। लेकिन बच्चे और किशोर प्रेम के जिस रूप को सबकुछ मान बैठते हैं वह प्रेम उन्हें गर्त की ओर खींच लेता है। उन्हें प्रेम का सही रूप, सही ढंग से समय रहते समझने और समझाने की जरूरत है।

मेरी तन्हाई 💐💐💐

तन्हाई केवल एक एहसास नहीं, बल्कि एक ऐसी गहरी दुनिया है जहाँ कोई और नहीं, बस आप और आपकी सोच होती है। यह एक खाली कमरा नहीं, बल्कि एक भरी हुई क...