धीरे धीरे उनका रंग जीवन पर चढ़ता गया, और उनके रंग से पूरा अस्तित्व रंग गया। अब उनके बिना जीवन की कल्पना करना कठिन है। वो जिंदगी में इतने इम्पोर्टेन्ट हो जाएंगे कभी सोचा नहीं था। अब उनकी मुस्कान में अपना सुख पाता हूँ, और उनकी उदासी से मेरा हृदय भी छलनी हो जाता है।
उनके लिए बेचैनी असहनीय है, अकथनीय है। लेकिन उनसे दूर रहने की जो कसक है, जो पीड़ा है वही इसकी सुंदरता है, वही इस प्रेम का प्रतिफल है। ये पीड़ा, ये दर्द, ये जुदाई मुझे पल पल उनसे जोड़े रखती है। लगता है उनके लिए ही जिऊँ और उनके लिए ही मरूँ।