किसी रिश्तेदार ने कहा कि पंथ श्री हुजूर गृन्धमुनि नाम साहब स्मृति चिकित्सालय दामाखेड़ा में कम्प्यूटर आपरेटर की भर्ती हो रही है, वहाँ नौकरी कर लो। उसने गारंटी दी थी कि वह साहब से कहकर नौकरी जरूर लगा देगा। मैंने उस रिश्तेदार को आवेदन पत्र दामाखेड़ा साहब के चरणों में पहुचाने के लिए दे दिया।
मुझे आज भी नहीं पता कि अस्पताल में कम्प्यूटर ऑपरेटर का पद है कि नहीं। लेकिन नौकरी के लिए ये मेरा पहला आवेदन पत्र था। तब से लेकर आज तक मलाल होता है कि काश वो नौकरी मुझे मिल गई होती... तो आज जिंदगी साहब के चरणों में गुजरती।
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