शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2022

पंथ श्री हुजूर गृन्धमुनि नाम साहब स्मृति चिकित्सालय दामाखेड़ा...💐

वर्ष 1998... मैं कक्षा बारहवीं (आर्ट्स) से उत्तीर्ण हुआ, क्लास में टॉपर रहा। तब करियर, नौकरी, बिजनेस की कोई जानकारी नहीं थी। तब कम्प्यूटर का फील्ड नया था, इसलिए मैंने भी कम्प्यूटर सीख ली। लेकिन आगे करना क्या है, यह नहीं जानता था।

किसी रिश्तेदार ने कहा कि पंथ श्री हुजूर गृन्धमुनि नाम साहब स्मृति चिकित्सालय दामाखेड़ा में कम्प्यूटर आपरेटर की भर्ती हो रही है, वहाँ नौकरी कर लो। उसने गारंटी दी थी कि वह साहब से कहकर नौकरी जरूर लगा देगा। मैंने उस रिश्तेदार को आवेदन पत्र दामाखेड़ा साहब के चरणों में पहुचाने के लिए दे दिया। 

मुझे आज भी नहीं पता कि अस्पताल में कम्प्यूटर ऑपरेटर का पद है कि नहीं। लेकिन नौकरी के लिए ये मेरा पहला आवेदन पत्र था। तब से लेकर आज तक मलाल होता है कि काश वो नौकरी मुझे मिल गई होती... तो आज जिंदगी साहब के चरणों में गुजरती।

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साधना काल 💕

सन 2007 की बात है, नवरात्रि चल रही थी। मैने किसी से सुना था की नवरात्रि में साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साधनाएं सफल होती है। मैने सोचा...