शहर के बहुत बड़े अस्पताल में उस दिन भारी भीड़ थी। वो हड़बड़ाते हुए गया, जब किसी गरीब बच्चे के एडमिट होने की खबर उसे मिली। गार्डन की एक मूर्ति उस बच्चे के ऊपर गिर गयी थी। चार दिन तक डॉक्टर उसे ऑक्सीजन पर रखे रहे, बताया गया कि सिर में गहरी और गंभीर चोट लगी है, लेकिन बच्चे की सुधरते हुए स्थिति देखकर सबको लग रहा था कि उसे होश आ जाएगा। वो ठीक हो जाएगा।
पांचवें दिन जब वो सुबह अस्पताल पहुँचा तो पता चला कि आक्सीजन की नली निकाल ली गयी है, और बच्चा अब नही रहा। कोई बड़ा आदमी अस्पताल में एडमिट किया गया है, आक्सीजन की और अतिरिक्त टंकी नही थी, अतः बच्चे की आक्सीजन नली निकालकर उस बड़े आदमी को लगा दिया गया था।
मजदूर पिता अवाक रो रहा था, लोग कह रहे थे उस बड़े आदमी की जान बच गई। थोड़ी देर बाद पता चला कि वो बड़ा आदमी नेताजी का "ख़ास आदमी" है।
(Lekhraj Sahu)
lekhrajsahebg@gmail.com
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