रविवार, 20 दिसंबर 2020
♥️I Love You Varsha & My Little Angels...♥️
मेरे साहब...💐
साहब को जीना...💐
ध्यान ...💐
बुधवार, 2 दिसंबर 2020
हृदय के अनकहे भाव...💐
मंगलवार, 1 दिसंबर 2020
जीवन में आप न मिलते तो ...💐
मौन की मधुरिमा...💐
भावनाओं को बयान करने के लिए उचित शब्दों का चयन, सोच विचारकर कहना जरूरी नहीं होता। सीधे, सहज, सरल और सपाट बोली में कहे गए मनोभाव ज्यादा प्रभावशाली होते हैं। कभी कभी तो मौन की बोली उससे भी कहीं अधिक श्रेयस्कर और सीधे हृदय तक पहुचने वाली होती है।
संतजन कहते हैं कि ध्यान की पहली सीढ़ी मौन है। मौन की मधुरिमा में ही सुमिरन और ध्यान के फूल खिलते और पल्लवित होते हैं। ऐसा कहा भी जाता है कि जिसने मौन की महत्ता समझ ली, आचारचर्या में उतार ली, उसने जीवन की आधी समस्याओं को जीत लिया। मौन वह अस्त्र है जो प्रतिकूल परिस्थिति रूपी शत्रु को भी परास्त कर दे।
मौन होने का अर्थ चुप अथवा खामोश होना नहीं है। मेरी नजर में साहब की वाणी अनुसार मौन का अर्थ है - "तन थिर, मन थिर, वचन थिर, सुरति निरति थिर होय।"
ऐसा मौन हम सबके जीवन में अंकुरित हो। ऐसे मौन की दिव्य सुगंध से हमारी दिनचर्या का पल पल आह्लादित हो, पुलकित हो, सुवासित हो।
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सुख और दुख हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। जैसे चलने के दायां और बायां पैर जरूरी है, काम करने के लिए दायां और बायां हाथ जरूरी है, चबाने ...
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पान परवाने का मोल तब समझा जब जिंदगी तबाह होने के कगार पर थी, साँसे उखड़ने को थी। जीवन के उस मुहाने पर सबकुछ दांव पर लगा था, एक एक पल युगों के...
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जो तू चाहे मुझको, छोड़ सकल की आस। मुझ ही जैसा होय रहो, सब सुख तेरे पास।। कुछ दिनों से साहब की उपरोक्त वाणी मन में घूम रही थी। सोचा उनके जैस...