सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
-
सुख और दुख हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। जैसे चलने के दायां और बायां पैर जरूरी है, काम करने के लिए दायां और बायां हाथ जरूरी है, चबाने ...
-
जो तू चाहे मुझको, छोड़ सकल की आस। मुझ ही जैसा होय रहो, सब सुख तेरे पास।। कुछ दिनों से साहब की उपरोक्त वाणी मन में घूम रही थी। सोचा उनके जैस...
-
किन उलझनों में उलझा है? क्यों बीच पथ पर ठहर गया है? किसका प्रतीक्षा है, किस ओर उम्मीदों से निहार रहा है? तू कल भी अकेले चला था और आज भी अकेल...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें