सोमवार, 29 मार्च 2021

तुमसे ही ये जीवन...💐

साथ चलते चलते बहुत दूर आ गए, एक दूजे का हाथ थामे बड़ी दूर आ गए। पूरे ग्यारह बसंत बीत गए लेकिन लगता है अभी तक तुम्हें जीभरकर देखा भी नहीं है। समय के साथ तुम्हारी छवि, तुम्हारा चेहरा और भी ज्यादा लुभाता है। जी करता है जिंदगी को फिर से और ढंग से जीना सीखें, जो खूबसूरत पल हमनें खो दिए, उन्हें दुबारा जिएं।

समय का ऐसा कोई पल नहीं जब तुम्हारी याद न आती हो, तुमसे ही मेरा आज है, तुमसे ही मेरा कल है, तुम्हारे बिना जीवन में सुनापन है, एक रिक्तता है। आज खाली बैठे बैठे तुम्हारे बारे में ही सोचता रहा, मन कहीं तुममें ही खो गया। आज तुम पास होती, साथ होती तो तुम्हें बांहों में समेट लेता।

...तुम बहुत याद आ रही हो।

💐💐💐

2 टिप्‍पणियां:

साधना काल 💕

सन 2007 की बात है, नवरात्रि चल रही थी। मैने किसी से सुना था की नवरात्रि में साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साधनाएं सफल होती है। मैने सोचा...