मंगलवार, 15 फ़रवरी 2022

साहब का लाईक और कमेंट...💐

जब भी मेरे किसी पोस्ट पर साहब का लाईक या कमेंट आता है, तो मैं रो पड़ता हूँ, सिसक पड़ता हूँ। साहब के इस प्यार से, साहब के इस छुअन से दिल भर आता है, आँखे छलक पड़ती हैं। उस रात मैं ठीक से सो नहीं पाता, उनकी यादों में ही सारी रात गुजर जाती है।

उनके इस प्यार भरे मखमली स्पर्श से नस नस में नए उत्साह का संचार होता है। मुझे नाम सुमिरण-ध्यान में और ज्यादा गहरे उतरने की प्रेरणा मिलती है, मार्गदर्शन मिलता है।

इस धरती पर अनेकों संत हैं, पूण्य आत्माएं हैं, साहब की भक्ति करने वाले लोग हैं, साहब को जीने वाले लोग हैं। जो साहब के एक इशारे पर तन-मन-धन और जीवन उनके चरणों में रख देने का साहस रखते हैं। जबकि उनके सामने साहब के प्रति मेरा प्रेम बहुत छोटा है, तुच्छ है, तिनके के समान है।

जब साहब की छुअन से मैं रात भर जागता रहता हूँ, तो साहब भी नहीं सो पाते होंगे। साहब के इस कलयुगी भक्त की करुण पुकार भी उन तक जरूर पहुँचती होगी, उनके चरणों में मेरी बंदगी, आरती भी उन तक जरूर पहुंचती होगी।

मेरे प्रति साहब का यह प्रेम जिम्मेदारी का भी अहसास कराता है। उनके जनकल्याण और जीव मुक्ति के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मैदान में उतरने को जी करता है। लगता है मैं भी उनके चरणों में जीवन बिछा दूँ।

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