1) प्रेमवश
2) भौतिक समस्या वश
3) ज्ञान/मुक्ति की प्यास वश
4) अहंकार वश
जब पहले बिंदु पर ध्यान जाता है तो लगता है की उनसे प्रेम जताने के लिए तो फेसबुक ही पर्याप्त है। महंगाई बढ़ गई है, बस ऑटो में आने जाने में ही तीन सौ रुपए लग जाते हैं। 😢
जब दूसरे बिंदु पर ध्यान जाता है तो लगता है कि सबको एक न एक दिन सबको मरना ही है। तो कुछ सांसे और माँगने भला क्यों जाऊँ? वैसे भी डॉक्टर ने बोल दिया है कि जल्दी निपट जाओगे। अगर उनकी चौखट से मुझे अमरता मिलती तो जरूर जाता। 😢
जब तीसरे बिंदु पर ध्यान जाता है तो लगता है कि मुझे तो ज्ञान और मुक्ति की प्यास ही नहीं है। फिर जाने का क्या फायदा। मुझे तो फिर से जन्म लेना है, वो भी पंथ श्री उदितमुनि नाम साहब और प्रखर प्रताप साहब के चरणों में।😢
जब चौथे बिंदु जो सबसे खतरनाक चीज है, पर ध्यान जाता है, तो लगता है कि मैं उन्हें क्यों बताने जाऊँ की जो आपने कहा उस तरीके से मैंने साहब को जी लिया। मैं क्यों उम्मीद करूँ की मेरी प्रतीक्षा में वो फूल माला लिए खड़े होंगे की साहूजी आएंगे, मेरा भक्त आएगा, ज्ञानी होकर आ रहा है, तो उसका भव्य स्वागत करूंगा।😢
मित्रों, इस तरह साहब से मिलने का मुझे कोई कारण नहीं मिलता। जब भी उनसे मिलने के बारे में सोचता हूँ तो मेरे लिए कपाट बंद ही पाता हूँ। और मैं ज्यादा चिंता न करते हुए चुपचाप भात साग खाकर कंबल ओढ़कर सो जाता हूँ।
😊😊😊
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