मैं अपने बच्चों से कोई अपेक्षा नहीं करता कि वो मेरी हर इक्छाओं का पालन करें, उन्हें मेरे अनुसार ही संस्कार मिले। लेकिन उनके मन में साहब के प्रति गहरा जुड़ाव है, जन्मजात रूप से साहब के प्रति लगन है। वो अपनी मां के साथ अक्सर साहब के भजन ऐसे ही हारमोनियम लेकर गुनगुनाते रहती है।
और मैं ...उनके भजन सुनकर कमरे में कंबल ओढ़े लेटे हुए भावावेश रो पड़ता हूँ।
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