लेकिन कुछ तो ऐसा है जो मेरे पास नहीं है, कुछ तो ऐसा है जिसकी कमी मुझे शिद्दत से महसूस होती है। सबकुछ होने के बाद भी जीवन में एक खालीपन, सूनापन और एक रिक्तता का बोध पाता हूँ। क्यों? इसका कारण क्या है? और इसका जिम्मेदार कौन है?
ये मैं बचपन से ही महसूस करता रहा हूँ। एक दर्द है, जिसकी वजह खुद मुझे नहीं पता, एक खोज है, अतृप्त प्यास है। कुछ तो ऐसा है जो मुझे जीने नहीं देता है, हंसने और मुस्कुराने की वजहें नहीं देता। क्या कोई मेरे जैसा खालीपन, सूनापन, दर्द और उदासियों में जीता है? कोई हो तो मुझे भी बताएं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें