गुरुवार, 20 जून 2019

मेरी बात...💐

हृदय में छोटी छोटी बातें हैं, छोटे छोटे भाव हैं, जिन्हें कहना चाहता हूं, थोड़े और सरल शब्दों में उकेरना चाहता हूं। अपनी बात अपने आप से कहना चाहता हूं।

मुझे किसी ज्ञानी की तरह ज्ञान का बोध नहीं है, न ही किसी ध्यानी की तरह ध्यान की कोई जानकारी है। मुझमें किसी कवि, लेखक या विद्वान की तरह शब्दों को सजाकर प्रस्तुत करने की कला भी नहीं है। किसी विषय का विशेषज्ञ भी नहीं हूँ, न ही किसी विशेष मत या सम्प्रदाय का आलोचक हूँ।

मुझे लिखने का शौक है। बचपन में डायरी लिखता था, लड़कपन में प्रेम पत्र लिखने लगा, और अब कुछ अन्य विषयों पर अपने हृदय के भाव लिखने की कोशिश कर रहा हूँ।

भाग्य से पिछले कुछ वर्षों में अच्छे महात्माओं से परिचय हुआ, जिन्होंने मुझे नींद से जगाया, जीना सिखाया, हाथ थामकर चलना सिखाया। उन्हीं महात्माओं ने मुझे साहब का मार्ग भी बताया। जो मुझे रुचिकर लगा, और उस मार्ग में उनकी उंगली पकड़े निकल पड़ा। उस मार्ग में चलते हुए जो महसूस किया, जो देखा, जो सुना, जिन घटनाओं का साक्षी रहा, उन्हें कहने की कोशिश करता हूँ।

कई बार कुछ लिखते लिखते अनेकों त्रुटियां हो जाती हैं, कई बार आपा खो बैठता हूँ, मर्यादा भी लांघ जाता हूँ। आप सभी मित्रों से सादर अनुरोध है कि मेरे लेखन की त्रुटियों से मुझे अवगत कराएं, अमर्यादित लेखन पर मुझे टोकें। मैं अपनी गलती अवश्य सुधारूँगा।

सप्रेम साहेब बंदगी साहेब...💐

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