शुक्रवार, 21 जून 2019

आम जिंदगी की परेशानियाँ...💐

लाख जतन कर लो, लेकिन हर महीने पैसे कम पड़ जाते हैं। सेलेरी आने के पहले ही खर्चों के लिए रास्ता तैयार रहता है। परिवार के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य, चिकित्सा, दवाइयों का व्यय, बच्चों की शिक्षा और ऑटो का खर्च, पेट्रोल का खर्चा, मोटर साइकिल की सर्विसिंग, मोबाइल का रिचार्ज, टीवी का रिचार्ज, घर का किराया, रोज की सब्जी भाजी, हर महिने का आटा और चावल, बिजली का बिल, तेल, नमक, मिर्ची, हल्दी, धनिया जैसे आवश्यक सामानों का खर्च, परिवार की छोटी छोटी जरूरतें और इक्छाओं पर व्यय, आकस्मिक ख़र्चे...उफ़ लिस्ट बड़ी लंबी है।

दूसरों की नौकरी की तब भी पैसे कम पड़ते थे, खुद का व्यवसाय करके देखा तब भी पैसे कम पड़ते थे, सरकारी नौकरी करके देखी फिर भी पैसे कम पड़ते हैं।  हर महीने चिरकुट दोस्तों से उधारी मांगे बिना काम ही नहीं चलता। एटीएम से निकली पर्ची भी हर बार जीरो बैलेंस बताती है।

जेब खाली रहने से मन में बेचैनी रहती है, मन उदास रहता है, कांफिडेंस खत्म हो जाता है। घर चलाने में अच्छे अच्छे मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वालों का तेल निकल जाता है। और ये हाल सिर्फ मेरा ही नहीं है।

तो क्या सुख सिर्फ पैसों से है? इस समस्या का आखिर सोलुशन क्या है? क्या ज्यादा पैसे कमाने से वो फिर से कम नहीं पड़ेंगे?

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