शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2022

दामाखेड़ा गुरु गद्दी ...💐

जब कभी खाली वक्त में सोचने बैठता हूँ कि दामाखेड़ा गुरु गद्दी से मुझे क्या मिला? तो पाता हूँ कि दामाखेड़ा के गुरु गद्दी ने मेरा हाथ परमात्मा के हाथों में थमा दिया, परमात्मा से परिचय करवा दिया, उन्होंने मेरे जीवन को साहबमय कर दिया। उन्होंने क्या नहीं दिया?

साहब ने मेरे इस जीवन को मानवीय गुणों से पोषित किया। हिंसा, व्यभिचार, पाप, दुर्गुणों से रहित और अहिंसा, धर्म, सत्य और शांति से महकता जीवन दिया। मेरे पूर्वजों से लेकर मेरे बच्चों तक में मानवीयता के संस्कार दिए, मानव जीवन का मोल समझाया, अपने प्रकृति और इस चराचर जगत का हिस्सा बनाया।

उसके बदले मेरा भी कर्तव्य बनता है कि मैं भी साहब के मार्ग में उनके कोई काम आऊँ। उनके जनकल्याण की हरेक इक्छा की पूर्ति में अपना भी योगदान दूँ। उनके चरणों में प्रेम अर्पित करूँ, फूल बनकर उनके मार्ग में बिछ जाऊँ, उनके चरणों से लगकर जीवन सफल कर जाऊं।

दोस्तों, एक ही जीवन है और एक ही मौका है। हमें साहब के जनकल्याण के उद्देश्यों की पूर्ति में अपना जीवन बिछा देना है।

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