सोमवार, 3 फ़रवरी 2020

बोध की अनुभूति...💐

कहते हैं नाम के निरंतर सुमिरन से बोध प्राप्त होता है। यह भी कहते हैं कि एक बार बोध होने पर इसकी अनुभूति जीवन भर रहता है, भले ही सुमिरन बंद कर दिया जाए।

ऐसे कैसे होगा भला?

जब तक मिठाई खाते रहोगे तब तक ही मुँह मीठा रहेगा, लेकिन खाना बंद करने के कुछ समय बाद मुँह फिर से सिट्ठा हो जाता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मेरी तन्हाई 💐💐💐

तन्हाई केवल एक एहसास नहीं, बल्कि एक ऐसी गहरी दुनिया है जहाँ कोई और नहीं, बस आप और आपकी सोच होती है। यह एक खाली कमरा नहीं, बल्कि एक भरी हुई क...