मंगलवार, 21 दिसंबर 2021

साहब की नकल ...💐

मुझे तो कुछ भी समझ नहीं आता है। कोई ज्ञान के बारे में पूछता है, कोई ध्यान के बारे में पूछता है, कोई सुमिरन के बारे में पूछता है तो मेरे पास कोई जवाब नहीं होता। 

मैं तो हमेशा साहब की नकल करता हूँ। हमारे साहब पंथ श्री प्रकाशमुनि नाम साहब और डॉ. भानुप्रताप साहब के चौका आरती में बैठने के तरीकों, सुमिरन करने के तरीकों, मंचों में उनके बोलने के तरीकों, यत्र तत्र ग्रंथों और साहित्य में फैले उनके विचारों और उनके द्वारा लिखे गए फेसबुक पोस्टों की नकल करता हूँ।

उनकी गृहस्थी में विरक्ति के दर्शन पाता हूँ, चौका आरती में जब वो धीर गंभीर मुद्रा में बैठते हैं तो उनमुनि भाव का दर्शन पाता हूँ, जब वो मंच से इस जगत के प्राणियों के लिए अमृत वाणियों की वर्षा करते हैं तो ज्ञान का दर्शन पाता हूँ। उनके द्वारा प्राप्त पान परवाना चरणामृत और प्रसाद में अपनी मुक्ति पाता हूँ। 

वो हमारे लिए हर तरह से आदर्श हैं, मैं कहीं और उत्तर तलाश करने के बजाय हर प्रश्न का उत्तर उनमें ही खोजता हूँ। जैसा उन्हें देखता हूँ, बिल्कुल वैसा करने की कोशिश करता हूँ, नकल करता हूँ। इसके अलावा मेरे पास कोई ज्ञान, भक्ति, सुमिरन और ध्यान नाम की जड़ी बूटी नहीं है।

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