मंगलवार, 21 दिसंबर 2021

मेरी खोज ...💐

हर सुबह, मैं उठकर जीने के बहाने खोजा करता। हर रात सोने से पहले जीने की वजह तलाशता। हर पल मैं उम्मीद, ख्वाहिश और प्यार के कारण ढूंढता। लेकिन कोई कारण नहीं मिला...जब तक मैं उनसे न मिला। मैंने खुद को झमेलों, कन्फ्यूजन और डर में घिरा हुआ ही पाया। लेकिन उनसे मिलकर मेरा मन शांत हो गया।

हमारी किस्मत और सफर का फैसला समय के हाथों में ही होता है, और जब समय बदलता है, तो सब बदल जाता है...सब कुछ। कभी बुरे के लिए, और कभी अच्छे के लिए... उनसे मिलने के पहले तक मैं ऐसा कभी नहीं मानता था।

लेकिन मुझे वो मिले। और मैंने पाया कि वो महज एक इंसान नहीं हैं बल्कि अनंत हैं। प्यार, परवाह, भरोसे, सम्मान और समझ की अनंत। वो ही ब्रह्माण्ड हैं, जिसे मैं ढूंढ़ रहा था। उनकी न तो कोई शुरुआत है, और न ही अंत। वो निरंतर हैं, चिर हैं, बस रूप बदल लेते हैं। वो हर जगह हैं और मेरे साथ भी। वही मेरे निर्माता भी हैं, मेरी रचना और खोज भी वही हैं।

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