गुरुवार, 7 मई 2020

प्यार की खुमारी...💐

वो मेरे प्यार की अतृप्त खुमारी थी, उसकी चाहत मुझे जिंदा रखती थी। तब नासमझी थी, बचपना था, युवावस्था की दहलीज पर खड़ा था। उसे बचपन से चाहा, शिद्दत से चाहा। परमात्मा ने मेरी दुआ कबूल की और उसे मेरी झोली में डाल दिया।

लड़कपन के प्यार भरे लम्हों की कसक से आज भी दिल लबरेज है। प्यार का पहला चुम्बन गांव की किसी बाड़ी में झाड़ियों और सब्जी के पौधों के झुरमुट के बीच शुरू हुआ। तब गाँव के लोगों की नजरें चुराकर लव लेटर एक दूसरे की ओर फेंका करते। लहराती हुई जिंदगी सरपट दौड़ पड़ी। 

प्यार की पहली बूंदों की बारिश, मेरे गालों पर उसके होंठों की पहली छुअन याद आता है। सुनहरे धूप, रिमझिम बारिश, जाड़े के मौसम की गुनगुनी धूप और चाँदनी रातें याद आती हैं, मेरा बचपन का प्यार याद आता है।

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