सबकुछ पहले जैसा ही है। धरती, आकाश, तालाब, खेत, बाड़ी, नदी, लोग, गांव, घर, मुहल्ले, गलियां... बस वो अब साथ नहीं हैं। लेकिन मैं उन्हें हमेशा साथ ही देखता हूँ। विचारों, भावनाओं और स्मृतियों में वो हमेशा साथ ही रहते हैं।
जीवन में हर कोई उमर भर का साथी नहीं होता। कोई पहले छोड़ जाता है, तो कोई बाद में। किसी का साथ एक महीने का होता है तो किसी का एक साल, और किसी का 99 साल। क्या फर्क पड़ता की अब वो साथ नहीं हैं। कुछ लोग तो बस हवा के झोंके की तरह जिंदगी में आते हैं, अपनी खुशबू से जीवन महकाते हैं, यादों के रंगीन और खुशनुमा अहसास छोड़ जाते हैं... आत्मा तक अपनी छाप छोड़ जाते हैं...मोगरे के फूलों की तरह।
जिंदगी बस इत्ती सी है, कागज के छोटे से गुलाबी पन्ने की तरह, और इस छोटे से पन्ने में अपनी कहानी लिख जानी होती है, और वो अपनी कहानी लिख गए।
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