अरे भैय्या मैं तो खुद ही कन्फ्यूज हूँ, दीन हीन स्थिति में जिंदगी चल रही है और खुद ही ज्ञान की तलाश में निकला हूँ। कुछ लिख देता हूँ तो ज्ञानी समझ लेते हो। मेरे भैय्या ज्ञान के लिए किसी और का दरवाजा खटखटाओ, किसी और के चरण पकड़ो, लेकिन मुझे माफ़ करो।
मैं तो अपने जीवन में घटी घटनाओं को लिखता हूँ, आपबीती सुनाता हूँ। जिसमें रोमांस होता है, ड्रामा होता है, ट्रेडजी होता है, हीरो हीरोइन और खलनायक होते हैं। मेरी दुखभरी और मसालेदार पिक्चर में न जाने तुम कहाँ से ज्ञान के दर्शन पाते हो।
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