जीवन है तो समस्याएं हैं। जब तक जीवन रहेगा, तब तक समस्याएं भी रहेंगी। समस्याएं होंगी तो साथ ही विकास की सीढ़ी भी होगी, सीख होगी, सबक होगा, चुनौती होगी।
हम संसार रूपी पेड़ पर रहते हैं और अज्ञान रूपी अंधेरे में दुखी होकर जीवन जीते हैं। लेकिन जब जीवन में साहब का प्रकाश पड़ता है, तब हमारी बेहोशी टूटती है। प्रकाश का वह स्रोत हमारा पल पल मार्गदर्शन करता है, उज्ज्वल रौशनी से हमारा पथ रौशन करता है। फिर समस्याओं के काले बादल छंट जाते हैं। उनके आलोक से जीवन आलोकित हो जाता है।
उस उजले और दिव्य प्रकाश के सहारे व्यक्ति उनके गीत गुनगुनाते सुगम्य जीवनपथ पर आगे बढ़ जाता है।
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