शनिवार, 1 दिसंबर 2018

दो शब्द तुम्हारे लिए...💐

प्यार तो है और सदा रहेगा। चंद किलोमीटर की दूरियाँ मन के भावों को, जज्बातों को रोक नहीं सकती। क्या हुआ जो उमर भर के लिए साथ न रह सके, क्या हुआ जो मिलकर भी बिछुड़ गए। दिल की गहराई में तो तुम्हारा ही अख़्स है, तुम्हारा ही प्यार है। अब भले ही अपना प्यार जता नहीं सकते, हक जता नहीं सकते, पर प्यार का मौन रूप भी बेहद खूबसूरत है, बिल्कुल तुम्हारी तरह।

उसकी परिस्थितियां शायद बहुत मुश्किल रही होंगी, तभी तो उसने अलग होने का फैसला किया। वरना तुम्हारे कहने पर सब कुछ छोड़ देने का साहस उसमें भी कम न था।

क्या ऐसा हो सकता है कि 10 बसंत जीने वाला प्यार भी कभी मर जाए। वो अब भी जिंदा है। हृदय की परतें खोदो, थोड़ी गहराई में जाओ, वो मिलेगा और अपने ही दिल के अंदर मिलेगा। हमारा प्यार तो सदाबहार है, मोगरे के ताजे फूलों की तरह। उसकी महक हमारे जीवन को हमेशा महकाती रहेंगी।

वो आँगन, वो बाड़ी, वो गलियां, वो तालाब... तुम्हें प्यार का अहसास कराएंगे। शहर की दूरियां, बस और बाइक का सफर, खीर, गोभी और मटर की सब्जी, प्रेम पत्र के रंगीन पन्ने प्यार की गहरी अनुभूति कराएंगे।

अलग होने का दर्द हम दोनों तन्हाई में शिद्द्त से महसूस करते हैं। ये दर्द न तुम्हारा ज्यादा है न मेरा कम। बिछोह की पीड़ा हम दोनों का बराबर है। एक दूसरे के लिए हम दोनों ने ही अपनी जिंदगी फूँक डाली। एक दूसरे को प्यार का प्रमाण देने के लिए वो दस साल कम नहीं हैं।

आज भी उन सदाबहार यादों से हृदय महकता है, आनंदित होता है, उसे फिर से दोहराना और जीना चाहता है। मेरे हृदय में तुम्हारा प्यार अमिट, अमर है, जो अब शरीर के छूटने के बाद भी मेरे लेखों में, मेरे ब्लॉगों में रह जाएंगे प्रेम पत्रों की तरह।

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