रविवार, 20 फ़रवरी 2022

रात रातभर सत्संग ...💐

भगवान कसम यार, लोगों ने पकड़ पकड़कर सत्संग में बैठाया। रात रात भर चाय पानी पिला पिलाकर, भंडारा खिला खिलाकर सत्संग सुनाया। मुझे ज्ञानी बनाने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन अब दूर दूर तक उनकी परछाई नहीं दिखती। सब लोग आधे रास्ते, बीच मझधार में छोड़कर, अपना हाथ छुड़ाकर कल्टी हो गए।

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