मंगलवार, 29 अक्तूबर 2019

प्रियतम से मिलन...💐

परिवार की सारी जिम्मेदारियाँ पूरी करने के बाद, जब रात में सब सो जाते हैं तब वो चुपचाप उठता है। अंधेरे में अपने बिस्तर पर बैठे बैठे साँसों के संगीत में खो जाया करता है। सबकी नजरों से बचते बचाते किसी और का हो जाया करता है। मौन की चरम गहराई में वो अपने प्रियतम से मिलने जाता है, उनकी मधुर आवाज सुनने जाता है, उनका दीदार करने जाता है। वो भी अपनी प्रेयसी से हर रोज मिलने आते हैं। जब भी उन्हें पुकारता है, वो जरूर आते हैं।

सबके सो जाने के बाद वो हृदय का द्वार अपने प्रियतम के लिए खोलता है, उन्हें प्रेम का सुमन गुच्छ भेंट करता है, उनकी छाया में देर तक रहता है, उनसे दिल की बातें कहता है। उनके आगोश में अपना अस्तित्व बिछा देता है। कमरे के अँधरे में भी चांदनी खिल उठती है, उनकी खुशबू से रात महक उठती है, उनके दिव्य स्पर्श से अस्तित्व पुलकित हो उठता है।

इसी तरह हर रोज, हर पल, हर क्षण वो अपने प्रियतम की प्रतीक्षा करता है, पलकें बिछाए उनके आने की राह देखता है। प्रेयसी की इस प्रतीक्षा में मिलन की गहरी व्याकुलता है, बरसों की प्यास है, स्वाति बून्द की आस है...

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