सोमवार, 18 अक्टूबर 2021

जीने की राह...💐

वो सुनसान जगह में भी और भीड़ भरे माहौल में भी उपस्थित होता है। उसकी पुकार, उसकी दिव्य आवाज कानों में सपष्ट सुनाई देती है। ध्यान की गहनता में, अस्तित्व की ओर और गहरे उतरने पर यूँ लगता है मानों खुद के अंदर से ही कोई बोल रहा हो। ये अराध्य की मधुर ध्वनि होती है, नाद होता है, परमात्मा की आवाज होती है, जो निर्मल अंतस की गहराईयों से प्रगट होता है।

अनुभव की पृष्टभूमि पर जीवन के सारे उधेड़बुन स्वतः ही समाप्त हो जाते है। एक सुकून, एक खुमारी, एक भीनी सुगंध, स्निग्धता रह जाती है। हृदय का रोम रोम साहब के नाम से उत्प्लावित रहता है, जीवन को पूर्णता प्राप्त होती है। एक परा शक्ति, एक जीवनी शक्ति सदैव नितप्रति अपने भीतर महसूस होता है।

आध्यात्मिक अनुभव की कोई सीमा नहीं होती है। इस सागर में जितने गहरे उतरते हैं उतने ही मोती मिलते हैं। यह आध्यात्मिक अनुभव साधक को जीने की राह सिखाते हैं, उसके लक्ष्य को प्रकाशित करते हैं। मानव को महामानव बनाते हैं।

मेरी तन्हाई 💐💐💐

तन्हाई केवल एक एहसास नहीं, बल्कि एक ऐसी गहरी दुनिया है जहाँ कोई और नहीं, बस आप और आपकी सोच होती है। यह एक खाली कमरा नहीं, बल्कि एक भरी हुई क...